ईश्वर तो कल्पवृक्ष है। वह सभी की इच्छा पूरी करेगा। किन्तु उससे माँगना पड़ेगा। संसारी के और सर्वत्यागी के ज्ञान में बड़ा अंतर होता है। संसारी व्यक्ति का ज्ञान है दिये का उजाला जिससे घर के भीतर ही प्रकाश होता है- अपनी और घर की चीजों के सिवा और कुछ वह समझ नहीं पाता। सर्वत्यागी का ज्ञान सूर्य का प्रकाश है। उस प्रकाश में भीतर-बाहर सब चीजें देख पड़ती है।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस