इन रद्दी चीजों की रक्षा कीजिये।

January 1950

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घर में रक्खी हुई छोटी से छोटी वस्तु की उपयोगिता है। कभी न कभी वह अवश्य काम दे जायगी। अपने घर की चीजों का निरीक्षण कीजिए और उन्हें किस प्रकार काम में लाया जा सकता है, यह मालूम कीजिये।

रद्दी कागजों को व्यर्थ मत फेंकिये। सम्हाल कर रखिये और बाजार में बेचिये। रद्दी कपड़ों का संग्रह करते जाइये। औरतें इनकी सहायता से नीचे बिछाने की चटाई तैयार कर सकती हैं। कागज बनाने के लिए बिक सकते हैं, फकीरों को दिए जा सकते हैं। टूटी फूटी अनेक वस्तुएँ पुनः मरम्मत कर काम में लाई जा सकती है। कितनी ही बार कबाड़ियों के यहाँ से ऐसी मूल्यवान चीजें कौड़ियों के मोल मिल जाती हैं जो मरम्मत के बाद अच्छे दामों में निकल जाती है। रेडियो, बाइसिकल के हिस्से, टाइपराइटर, बिजली का सामान, ताले, अनेक बार कोड़ियों के मोल कबाड़ी के यहाँ से मिल जाते हैं जो मरम्मत से वर्षों तक काम देते हैं।

चाय छानने के बाद बची हुई पत्तियाँ न फेंकिये। संग्रह करके सुखा लीजिए। उनका काड़ा निकाल लीजिए। यह काढ़ा दर्पण साफ करने के लिए और फर्नीचर पर पालिश करने से पूर्व सफाई के काम आता है। चाय के सूखी पत्तियों से अग्नि तैयार की जा सकती है।

इमली के बीजों को भून कर उनके ऊपर की छाल निकाल डालिए और सरोते से काट कर सुपारी मुलेठी के साथ प्रयोग में लाइये।

संतरे के छिलके को व्यर्थ न फेंकिये। उन्हें धूप में सुखा लीजिए। उनका महीन चूर्ण तैयार कर मिष्ठान्न में डालने से संतरे जैसी सुगंध आती है।

बबूल की छाल सुखाकर या बादाम के छिलके जलाकर पीस डालिए। यह दंत मंजन उत्तम होता है।

कड़ुवे नीम की हरी पत्तियों को उबाल कर उनका काढ़ा शीशियों में भर कर रख दीजिए। इस काढ़े से नालियाँ और फर्श धोकर स्वच्छ किए जा सकते हैं। इनका उपयोग फोड़े आदि धोने के काम में किया जा सकता है। गंधक के धुएँ से मच्छर मारे जा सकते हैं।

दियासलाई की सींकों को तीक्ष्ण रेजर ब्लेड के द्वारा मध्य से चीर लीजिए। दियासलाई दुगुनी हो जायेगी।

आपकी अनेक बीमारियाँ घरेलू दवाइयों से दूर हो सकती है। अतः घरेलू दवाइयों पर एक शास्त्रीय पुस्तक पढ़ डालिए। स्वयं दवाइयाँ बना कर पैसा बचाइये।

साबुन को काम लाने के लिए निम्न बातें याद रखिए-(1) कपड़ा धोने की साबुन के टुकड़े काट कर सुखा लीजिए। सूखी साबुन अपेक्षाकृत कम घिसती है। (2) अपनी साबुन को पानी में न पड़ा रहने दीजिए। स्नान के पश्चात् अपने कमरे में लाकर सूखे स्थान पर सम्हाल कर रखिये (3) स्नान की साबुन का अंतिम शेष बचा हुआ भाग नई साबुन पर चिपका लीजिए (4) कपड़ा धोने की साबुन के छोटे-2 टुकड़ों को एक टीन के डिब्बे में रखिए और उसी में पानी डाल कर उन्हें घोल लीजिए। इससे कपड़े धोये जा सकते हैं (5) साबुन का पानी मत फेंकिए। उससे फर्श धो डालिए।

एक शेविंग ब्लेड से आप एक मास मजे में हजामत बना सकते हैं। जब ब्लेड खोटा हो जाय, तो तेज करने का आलस्य न कीजिए। हजामत करने के बाद धोकर पोंछना कदापि न भूलिए, हो सकें तो थोड़ा वैसलीन भी धार पर लगा दीजिए। रद्दी ब्लेड का चाकू बनाया जा सकता है। इस प्रकार का एक चाकू बाजार में मिलता है। उसी में यह फिट किया जा सकता है।

आपके पास जो लिफाफे आते हैं, उन्हें अन्दर से खोल डालिये। अन्दर से वे साफ हैं इस लिए मामूली तौर पर लिखने के काम में लाये जा सकते हैं।

साग सब्जी की पत्तियों को न फेंकिये। मूली, शलजम, फूलगोभी, इत्यादि सब्जियों की पत्तियाँ पका लीजिए। पत्तियों में विटामिन अपेक्षाकृत अधिक होता है। यदि सम्हाल कर पकाई जाय तो वे बड़ी स्वादिष्ट बनती हैं। सस्ती सब्जियों जैसे गाजर, मेथी पालक इत्यादि का अधिक प्रयोग कीजिए। कीमती सब्जियों की ओर न जाइए। “तेते पाँव पसारिये, जेती लम्बी सौर।”

वर्षा के पश्चात् मकानों की मरम्मत, कुछ नया हेर फेर, रंग सफेदी, शोभा-सजावट आदि करना उचित है। यदि स्वयं आप इन कार्यों को करने में हाथ बंटायें, कुछ काम स्वयं सीख लें, तो बहुत कम खर्च पर टिकाऊ और आधुनिक ढंग पर सजावट कर सकते हैं। जो मजदूर आपके यहाँ 3) रु. रोज पर काम करते हैं, वे आपसे बहुत कम समझदार होते हैं। जब वे यह कार्य कर सकते हैं, तो आप कैसे नहीं कर सकेंगे? आप अवश्य यह कार्य कर सकते हैं। थोड़ा अभ्यास, सम्हाल, बुद्धिमानी, और परिश्रम-बस आपका काम हो गया।

लीपने के लिए गोबर का प्रयोग अच्छा है। उसमें कुछ संरक्षक गुण है, दरारों को जोड़ता है पर स्मरण रहे ये गुण ताजे गोबर में ही होते हैं। जहाँ गोबर बासी हुआ कि सड़ने लगता है। गोबर में गरमाहट को कायम रखने का गुण भी पाया जाता है। चूने की सफेदी जन्तु-नाशक होती है। चूने की सफेदी धीरे-धीरे हवा में से कार्बनडाइऑक्साइड खींच लेती है जिससे दीवारें मजबूत बनती हैं।

घर की तस्वीरों, शीशों, छायाचित्र, सीन-सीनरी पुतलों की भीड़-भाड़ कलात्मक नहीं। ये चीजें बिल्कुल इनी-गिनी होनी चाहिए, इनके ऊँचे नीच अथवा छोटे बड़े आकारों के होने से सजावट में असंगति पड़ती है, प्रकाश में रुकावट आती है। गृह शोभा की असली नींव है सफाई वह आप स्वयं कर सकते हैं।

गेहूँ, मक्का, या ज्वार का आटा छानिये मत, दाल भी छिलकेदार खाने की आदत डालिए। चोकर और अनाज के छिलके में सबसे अधिक पौष्टिक पदार्थ हैं। इन्हें यों ही फेंक देना मूर्खता है। इसमें आपकी आर्थिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से हानि है। अनाज रखने के स्थान ऐसे स्वच्छ रखिये कि किसी प्रकार के छोटे जानवर उसमें न पड़ें और वह चूहों द्वारा नष्ट न किया जाय।

छाछ या दूध को एक दम गटक कर न निगल लीजिए। मुँह में डालकर धीरे धीरे चूस-चूस कर पीजिए। जिव्हा से आनन्द लीजिए। इससे आप उसका पूरा लाभ उठा सकते हैं।

अपने यहाँ मेहमानों को पानी और खाने के लिए गुड़ देने की प्रथा अत्यन्त उत्कृष्ट और शास्त्रोक्त है। धूप में घूमने के पश्चात् घर आने पर गुड़ खाकर पानी पीना गुड़ में रहने वाले क्षारों के कारण अधिक लाभ दायक होता है।


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