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April 1945

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जीवन को पूर्ण बनाने वाली तीन बातें हैं (1) कठिन परिश्रम करने का उत्साह और अभ्यास (2) कर्त्तव्य धर्म में अटूट श्रद्धा और तत्परता (3) प्राणि मात्र की हित कामना और सेवा परायणता।

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मनुष्य विवेकशील और न्याय परायण होने के कारण मनुष्य है किन्तु प्रेम और उदारता की भावनाओं को विकसित करके वह देवता भी बन सकता है।

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