“जियो और जीने दो” यह सिद्धाँत ठीक है, परन्तु प्रकृति का यह नियम भी अटल है, कि उसी को जीवित रहने का अधिकार है जो अपनी जीवित रहने की योग्यता सिद्ध कर दे। योग्यता का ही अस्तित्व रहता है, यह सिद्धाँत नित्य और सत्य है।
-काण्ट