न्याय जीवन का प्रथम सोपान

July 1942

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(लेखक- रा॰ कु॰ हरभतसिंहजी, भण्डरा स्टेट)

(अखंड शक्ति, अखंड समता, अखंड शमन )

भगवान सत्य के दूसरे हाथ में गदा है गदा का अर्थ अखंड शमन, अखंड समता, अखंड शक्ति, न्याय है। संसार तीन तत्वों का रूप है, सत, रज, तम, सत तत्व से बनी सृष्टि के लिए सत्य प्रेम, पर्याप्त है, पर तामस तत्व से बनी सृष्टि के लिए अखंड शमन. तप अर्थात् न्याय श्रेयस्कर है, न्याय के द्वारा ही तामस तत्व से बनी सृष्टि का रज, सत, अर्थात् प्रेम सत्य में बदल सकते हैं। यही न्याय दंड अस्त्र लेकर अखंड ज्योति सत्य शिव रूप होकर सृष्टि का कल्याण किया करते हैं उन्होंने अपने पुत्रों को तप रूप न्याय अर्थात् अखंड शमन का शस्त्र देकर सृष्टि में कर्त्तव्य करने की शिक्षा दी है।

वास्तव में तप रूप न्याय अर्थात् अखंड शमन इस जीवन का पहिला दरवाजा है इस दरवाजे से जाने से प्रेम और सत्य दो दरवाजे और मिलते हैं। प्रेम दरवाजे के पार होने से अखंड समता का दृश्य प्राप्त होता है, इससे सत्य का दरवाजा मिलता है, इसके मिलने से अखंड शक्ति का आभास होता है, यही अखंड शक्ति, अखंड ज्योति- अखंड सत्य है जो अन्तिम लक्ष्य है।

न्याय मार्ग द्वारा ही यह लक्ष्य सिद्ध होता है और यह लक्ष्य मिलने से जीवन आनन्दमय जीवन बन जाता है जिसे जीवन मुक्ति भी कह सकते हैं।


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