कुफ्र के खिलाफ जहाद करो

July 1942

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(कुरान की शिक्षा)

कुतिबा अलय कुमुऽल किताऽलु बहुवा कुर्दुल्ल कुम्----बल्लाहु यऊलमु व अन्तुम् ला तऊलम्न्!

-सूरये वकर 1/2/27

हे ईमान वालो! जहाद (धर्म युद्ध) तुम्हारा कर्तव्य नियत किया गया है और वह तुमको अनुचित, अप्रतीत होगा, परन्तु आश्चर्य नहीं एक वस्तु तुमको अनुचित प्रतीत हो और वह तुम्हारे निमित्त श्रेयष्कर हो और इसमें भी आश्चर्य नहीं कि एक वस्तु तुमको भली प्रतीत हो और वह तुम्हारे हक में बुरी हो। जिसे अल्लाह जानता है, उसे तुम नहीं जानते।

या अय्युऽऽल्लजीना आमन् कातिलुऽऽ ल्लजीना -----वाऽअलम अन्नऽल्लाहा मअऽल मुत्तक़ीन।

-सूरये तोवा 2/11/16/7

हे विश्वासियों! अपने आस पास के काफिरों से लड़ो और चाहिए कि तुम में दृढ़ता प्रकट हो। याद रखो, अल्लाह उन लोगों का साथी है, जो संयमी हैं।

वस्साऽरिकु वस्साऽरिकतु फ़क्तऊ जजा अन् विमा कसबानकाल ऽम्मिनल्लाहि। वल्लाहु अजीजुन हकीम्।

-सूये माइरा 2/6/6/4

जो कोई स्त्री अथवा पुरुष चोर होवें, तो उनके हाथ काट डालो, यह अल्लाह की ओर से उनके दुष्कृत्य का दण्ड है और अल्लाह बली और बुद्धिमान है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles