मनुष्य की पहचान

August 1940

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(श्री कालूराम शर्मा)

इस अंक में हम सिर और नाक के लक्षण बताएंगे। जिन्हें अच्छी प्रकार जानकर पाठक लाभ उठा सकते हैं।

सिर के लक्षण

(1) हाथी के मस्तक की सी बनावट के सिर वाला मनुष्य राजाओं के समान ऐश्वर्य पाता है।

(2) खुली हुई छतरी की सी बनावट के सिर वाला मनुष्य उच्च पद पर प्रतिष्ठित होता है।

(3) बड़े किन्तु नीचे सिर वाला व्यक्ति धर्मात्मा और विद्वान होता है।

(4) लट्टू की सी बनावट के सिर वाला भाग्यशाली होगा।

(5) महापुरुषों का सिर नीचे से ऊपर की ओर उतार-चढ़ाव का होता है।

(6) एक से सीधे सिर वाले मनुष्य साधारण स्थिति के होते हैं।

(7) जिसका तालू बाल रहित या थोड़े बालों वाला होता है वह धनी, विद्वान एवं सम्पन्न व्यक्ति होगा।

(8) जिसकी चोटी के बाल उड़ जायें वह यशस्वी होगा और प्रतिष्ठा प्राप्त करेगा।

(9) सुन्दर, सुडौल और बड़े सिर वाले मनुष्य धनवान, विद्यावान् किन्तु मंद बुद्धि होते हैं।

(10) मझौले, गोल और ऊँचे सिर वाले ईश्वर भक्त, सत्यनिष्ठ एवं सुख से जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं।

(11) छोटे सिर वाले लोग अधूरी विद्या पढ़े, चालाक और कार्यपटु होते हैं।

(12) गंजे सिर वाला मनुष्य दरिद्री और दुष्ट आचरण वाला होता है।

(13) कलश की सी बनावट के मस्तक वाले व्यक्ति चोर, लम्पट और विश्वास घाती होते हैं।

(14) जिसका सिर मछली जैसा हो वह दुख में जीवन व्यतीत करता है और अकर्मों में लगा रहता है।

(15) जिसके सिर में दो सिर जुड़े होने के से लक्षण मिलें वह बुरी आदत धारण किये होगा।

(16) चपटे सिर वाले मनुष्य स्वजनों से द्रोह करने वाले, कलह प्रिय और व्यभिचारी होते हैं।

(17) ऊँचे, नीचे, टेड़े, मेड़े सिर वाले मनुष्य सेवक वृत्ति से जीवन व्यतीत करने वाले एवं रोगी होते हैं।

(18) जिसके सिर में जगह-जगह गूलर से उठे हुए हो वह जन्म दरिद्री और आलसी होता है।

(19) बहुत बड़े सिर वाले मनुष्य सिर रोगों से पीड़ित, उदासीन और बेकारी को पसंद करते हैं।

(20) जिसके सिर की ऊपर वाली तली बिलकुल सपाट हो अर्थात् गोलाई न हो वह व्यक्ति हिंसक वासना में अत्यंत रुचि रखने वाला होगा।

नाक के लक्षण

(1) जिसकी नाक के नथुने गेंद की तरह गोल और भीतर बहुत बालों से युक्त हों वह आदमी यशस्वी धनवान किन्तु बेईमान होगा।

(2) हंसी, क्रोध या शोक के समय जिसकी नाक पर एक नस बिजली की तरह बार-बार चमके वह जीवन भर किसी काम में पूर्ण सफलता प्राप्त न कर सकेगा।

(3) धनवानों को बहुधा एक साथ दो छींक आती हैं।

(4) जिसे एक साथ तीन छीकें आये वह बड़ी उम्र वाला होगा।

(5) जिसकी नाक अपनी उंगलियों से ढाई अंगुल हो वह धनहीन होगा।

(6) जिसकी नाक की लंबाई अपनी उंगलियों से तीन अंगुल हो वह धन की दृष्टि से साधारण स्थिति का किन्तु बहुत संतान वाला होगा।

(7) जिसकी नाक की लंबाई अपने उंगलियों से साढ़े तीन अंगुल हो वह अपने बाहु बल से धन उपार्जन करेगा और संतान की ओर से दुखी रहेगा।

(8) जिसकी नाक की लम्बाई चार अंगुल हो वह अल्प आयु में ही इस संसार से चला जायेगा।

(9) लम्बी और मोटी नाक वाले चालाक, बुद्धिमान और धन से सुखी रहते हैं।

(10) जिसकी नाक साँप की तरह टेढ़ी-मेढ़ी हो वह विश्वास घाती, कपटी किन्तु पुरुषार्थी होता है।

(11) जिसके नथुने मोटे हों किन्तु भीतर का छेद छोटा हो वह दीर्घायु और भाग्यवान होगा।

(12) जिसके नथुने बहुत चौड़े और मोटे हो वह धूर्त, पाखंडी ओर स्वार्थी होगा।

(13) सूखी सी नाक वाले अधिक दिन जीते हैं।

(14) तोता की तरह खम खाई हुई नाक वाले राज ऐश्वर्य भोगते हैं।

(15) ऊँची नाक वाले सदाचारी और उदार होते हैं।

(16) तिल के फूल जैसी नाक वाले गुणवान और कला प्रिय होते हैं।

(17) जिसकी नाक उठी हुई, गोलाई लिये , सीधी एवं पुष्ट होती है वह व्यक्ति प्रचुर धन वाला होगा।

(18) छोटी नाक वाले अवगुणी होते हैं।

(19) जिसकी नाक छीपटी सी पतली लंबी और ऊँची हो वह दम्भी होगा।

(20) जिसकी नाक के छिद्र बहुत ही पतले हों वह सदा आर्थिक कष्ट भोगता है।

(21) सिकुड़ी हुई नाक वाले अक्सर चोर होते हैं।

(22) चपटी नाक वाले कामी होते हैं और वे स्त्रियों से बार-बार अपमानित होते हैं।

(23) जिसकी नाक बीच में बैठी हुई हो, वे पुरुष, ठग, मधुर भाषी और कायर होते हैं।

(24) बाँई ओर टेड़ी नाक वाले सदाचारी और धन हीन होंगे।

(25) दाहिनी ओर झुकी नाक वाले क्रोधी, धनी, क्रूर और बहुभक्षी होंगे।


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