गीत संजीवनी-5

दुनियाँ आगे बढ़ती जाये

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दुनियाँ आगे बढ़ती जाये, रहे क्यों पीछे नारी रे।
रहे क्यों पीछे नारी रे, रहे क्यों पीछे नारी रे॥

नारियों को आगे आना, काम कुछ करके दिखलाना।
मार्ग उन्नति का अपनाना, न बाधाओं से घबराना॥
समझ लें मिल- जुलकर हम आज, हमारी जिम्मेदारी रे॥

करें आओ हम नव निर्माण, व्यक्ति का करें चलो उत्थान।
बनायें अपने को गुणवान, करे जग नारी का गुणगान॥
मिले हर नारी को सम्मान- करें इसकी तैयारी रे॥

अगर सारी बहनें जागें, हमारे सारे दुःख भागें।
नारियाँ आ जायें आगे, आज का युग यह ही माँगे॥
करें आओ हम युग निर्माण- इसी में शान हमारी रे॥

मुक्तक-

उठो देवियों प्रगतिशील युग, तुम्हें जगाने आया है।
तुममें रचना शक्ति अपरिमित, याद दिलाने आया है॥
हीन भावना छोड़ो, मन में, साहस का संचार करो।
खुद ही आगे बढ़ना सीखो, खुद अपना उद्धार करो॥

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