अपनी अच्छी बातों की कुछ प्रशंसा सुन चुकने के बाद अरुचिकर बातों को सुनना सरल होता है। अतः दूसरों को खिझाए या रुठाए बिना बदलने का बढ़िया तरीका यह है कि प्रशंसा और निष्कपट गुण ग्राहकता के साथ आरम्भ कीजिए।