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August 1979

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नग्नो मुण्डः कपालेन। भक्षार्क्षी क्षुत्पिपासितः। अन्धः शत्रुकुलं गच्छेद्यः साक्ष्यमनृतं वदेत्॥17॥

वह व्यक्ति नग्न शरीर और मुण्डे सिर वाला होकर, कपाल लेकर भूखा प्यासा होकर भीख माँगता हुआ, अन्धा होकर शत्रु के कुल को प्राप्त होता है जो झूठी गवाही देता है॥17॥


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