प्रार्थना का अर्थ है ईश्वर के साथ सभावण करना और आत्म शुद्धि के लिए प्रकाश प्राप्त करना। जिससे ईश्वर की सहायता से अपनी कमजोरियों पर हम विजय प्राप्त कर सकें। —महात्मा गाँधी