भरोसा रखो कि वह जो एकान्त में तुम्हारी गलतियाँ बताये, तुम्हारा मित्र है, क्योंकि बदले में वह तुम्हारी अरुचि और घृणा पाने का खतरा उठाता है। कुछ ही लोग हैं जो अपनी बुराई कह सकते हैं, हर आदमी अपनी अधिकतर प्रशंसा में ही आनन्द पाता है और यह उन कमजोरियों में से हैं, जो सारी मानव जाति में है।