सन्त सुकरात से मिलने गये एक भक्त ने प्रश्न किया-महात्मन् चन्द्रमा में कलंक और दीपक तले अँधेरा क्यों रहता है?” सुकरात ने पूछा-अच्छा तुम्हीं बताओ-तुम्हें दीपक का प्रकाश और चन्द्रमा की ज्योति क्यों नहीं दिखाई देती?”
भक्त ने विचार किया-सचमुच संसार में हर वस्तु में अच्छे और बुरे दो पहलू हैं, जो अच्छा पहलू देखते हैं, वे अच्छाई और जिन्हें केवल बुरा पहलू देखना आता है, वह बुराई संग्रह करते हैं।