तालाब में कमल और तट पर गुलाब- दो फूल लिख रहे थे। दोनों भले प्रतीत हो रहे थे।
गुलाब के फूल ने अकड़ कर कहा-कमल जी! तुम भी हो तो इतने बड़े पर सुगन्ध इतनी कम क्यों देते हो, देखो मेरी महक मीलों तक दौड़ी जा रही है।”
कमल ने हँसकर कहा-भाई गुलाब! बुरा मत मानों हम दोनों का एक ही उद्देश्य है, आप सुगन्ध बिखेरते है और हम सौंदर्य दोनों मिलकर जो काम कर रहे हैं, वह एक नहीं कर सकता था।”
गुलाब अपने दोष-दर्शन पर लज्जित हो गया और कमल दुगुने उत्साह से सौंदर्य बिखेरने लगा।