विषयों का सुख और आत्मा की शाँति—इन दोनों में से किसी एक को हमें चुनना है। अगर संसार में रहकर आत्मिक शाँति प्राप्त करनी है, अगर दिव्य जीवन तक पहुँचना है, अगर मृत्यु के इस संसार से मुक्त होना है—तो भौतिक जीवन के फलों को नहीं चखना चाहिए।
—एमर्सन