नव-निर्माण के अत्यन्त सस्ते ट्रैक्ट

September 1966

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नव-निर्माण के शतसूत्री कार्यक्रमों को व्यापक बनाने के लिए लागत मात्र मूल्य के अत्यन्त सस्ते, सुन्दर, आकर्षक और प्रेरणाप्रद ट्रैक्ट छापे गये हैं। इन्हें स्वयं पढ़ना और दूसरों को पढ़ाना या सुनाना जन-मानस को सुसंस्कृत एवं परिष्कृत करने के लिए आवश्यक है। अब तक 70 ट्रैक्ट छप चुके हैं। मूल्य प्रत्येक का 20 नया पैसा है। इस सीरीज में हर महीने नये ट्रैक्ट छप रहें है। अगले 5 वर्षों में इनकी संख्या 1000 तक पहुँचाने की योजना है।

अब तक छप चुके ट्रैक्टों के नामः-

1-विवाह के आदर्श और सिद्धान्त। 2-तीन दिन का सत्यानाशी विवाहोन्माद। 3-विवाहोन्माद के लिए बुद्धि क्यों बेच दी जाय? 4-विवाह -शादियों का असह्य अप-व्यय। 5-इस हृदय-द्रावक स्थिति को कब तक सहा जायगा? 6-यह कुरीतियाँ मिट रही हैं और मिटेंगी। 7-विवाह का वातावरण धर्मानुष्ठान जैसा रहे। 8-आदर्श विवाहों की रूपरेखा। 9-आदर्श विवाहों का प्रचलन कैसे हो? 10-प्रगतिशील जातीय संगठनों की आवश्यकता । 11-हम भाग्यवादी नहीं कर्मवादी बनें। 12-अन्धविश्वासी नहीं विवेकशील बनिये । 13-अन्ध-विश्वास से लाभ कुछ नहीं हानि अपार है। 14-भिक्षा व्यवसाय देश और समाज का कलंक। 15-मन्दिर जनजागरण के केन्द्र बनें! 16-उनसे जो पचास के हो चले। 17-साधु की महान् परम्परा और जिम्मेदारी । 18-ब्राह्मण अपना उत्तरदायित्व सँभालें। 19-स्वच्छता मनुष्यता का प्रथम गुरुमन्त्र । 20-दर्शन तो करें- पर इस तरह । 21-आलस छोड़िए परिश्रमी बनिये! 22-पश्चाताप त्यागें औचित्य अपनावें! 23-माँसाहार मानवता के विरुद्ध है। 24-तमाखू- एक भयानक दुर्व्यसन । 25-प्राणियों के प्रति निर्दयता न करें! 26-अवव्यय का ओछापन । 27-मृतक-भोज की क्या आवश्यकता? 28-नारी को तिरस्कृत न किया जाय? 29-अशिष्टता न कीजिये! 30-संतान की संख्या न बढ़ाइये। 31-खाद्य समस्या और उसका हल। 32-आहार में असंयम बरतें। 33-संतान की संख्या न बढ़ाइये। 34-गन्दगी की घृणित असभ्यता। 35-शाकाहारी व्यंजन। 36-व्यायाम-हमारी एक अनिवार्य आवश्यकता। 37-वृक्षारोपण- एक परम पुनीत पुण्य । 38-शाक उगायें-अन्न बचायें। 39-पुस्तकालय-सच्चे देवालय। 40-निरक्षरता का कलंक धो दिया जाय। 41-परिवार को सुसंस्कृत कैसे बनायें? 42-विधवा विवाह शास्त्र विरुद्ध नहीं। 43-हम सच्चे अर्थों में आस्तिक बनें। 44-संस्कारों की पुण्य परम्परा। 45-पर्व और त्यौहारों से प्रेरणा ग्रहण करें । 46-लोक निर्माण के लिए जन-गायन। 47-विवाह दिवसोत्स कैसे मनावें? 48-जन्म-दिवसोत्सव इस तरह मनावें। 49-गायत्री यज्ञों की विधि व्यवस्था। 50-गायत्री यज्ञों की विधि व्याख्या। 51-प्रबुद्ध व्यक्ति धर्मतन्त्र सँभालें। 52-सत्कार्यों का अभिनन्दन किया जाय। 53-पुँसवन संस्कार विवेचन। 54-नामकरण संस्कार विवेचन । 55-अन्नप्राशन संस्कार विवेचन। 56-चूड़ाकर्म संस्कार विवेचन। 57-विद्यारंभ संस्कार विवेचन। 58-यज्ञोपवीत संस्कार विवेचन। 59-विवाह संस्कार विवेचन । 60- वान्प्रस्थ संस्कार विवेचन। 61-अंत्येष्टि संस्कार विवेचन । 62-मरणोत्तर संस्कार विवेचन। 63-बाल विवाह की भयंकरता से समाज को बचाया जाय। 64-बच्चों को सद्गुणी कैसे बनायें? 65-छात्रों का निर्माण अध्यापक करें। 66-हरिजन उत्कर्ष के लिए बड़े कदम उठें। 67-नारी उत्थान के लिए महिलायें आगे आवें। 68-पशुबलि हिन्दूधर्म का कलंक। 69-नव-निर्माण के लिए जन-सम्मेलन। 70-मनुष्य क्या पशुओं से भी गिरा रहेगा?

अब तक 20 नया पैसा सीरीज के 70 ट्रैक्ट छप चुके हैं। इनका मूल्य 14) होता है। 15 प्रतिशत कमीशन घटाकर और पोस्टेज जोड़कर यह वी.पी. 14) 75 की बैठेगी। प्रथम सत्र आरम्भ करने के लिए सैट मँगाने का आर्डर भेज देना चाहिए। जिनके पास जो ट्रैक्ट हों, वे उनके नाम लिख दें तो शेष वी. पी. कर दिये जायेंगे।

*समाप्त*


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