नींव अच्छी होनी चाहिए।

September 1966

Read Scan Version
<<   |   <  | |   >   |   >>

भवन जितना ही ऊँचा बनाना होता है, उतनी ही नीची नींव खोदनी पड़ती है। नींव की गहराई पर भवन की ऊँचाई निर्भर है। ध्येय की गति ऊर्ध्वगामिनी है। ऊँचे ध्येय को पाने के लिये अपने आधारित ज्ञान को गम्भीर से गम्भीर करना होता है। जिस प्रकार गहरी नींव पर, खड़े भवन पर, प्रभंजन का कोई प्रभाव नहीं रहता, एक बार भूकम्प आने पर भी उसके गिरने की विशेष चिन्ता नहीं होती, उसी प्रकार गहरी नींव पर आधारित ध्येय आलोचनाओं के समय नहीं डगमगाता।

नींव का कार्य सम्पन्न हो जाने पर जिस प्रकार भवन निर्माण की दिशा बदल जाती है, उसी प्रकार अपनी आधार भित्ति पर खड़े ध्येय की गति-विधि भी आवश्यक दिशाओं की ओर अग्रसर हो उठती है।

ध्येय का सूत्रपात होने पर एक बार जो जन क्षोभ उठता है वह उसकी नींव में समाहित हो जाता है और आगे चलकर लोग ध्येय को मान्यता देने और अपनाने लगते हैं।

—अब्राहिम लिंकन


<<   |   <  | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles