जब एक राष्ट्र में एक ऐसे मनुष्य का जन्म होता है जो एक महान विचार को उत्पन्न करने के योग्य होता है, तब उस जाति में एक दूसरा भी पैदा हो जाता है जो उक्त विचार को समझ सके और उसकी सराहना कर सके।
—जूवर्ट