यह संसार परिश्रम तथा प्रयत्न का स्थान है यहाँ जो आनन्द हमें प्राप्त होता है, वह इसलिए मिलता है कि हम किसी आगामी परिश्रम के लिये और भी दृढ़ हो जायें।