किसी मनुष्य महानता परीक्षा यह है कि वह ड़ड़ड़ड को देख सकता है ओर उसे बदल सकता है ।
“यदि सब लोग मुझ से खुश रहते हे, तो या में बड़ा महात्मा हूँ या पक्का धूर्त।”
“परार्थ ही को जिस मनुष्य ने अपना स्वार्थ बना लिया है ड़ड़ड़ड