Quotation

November 1961

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

“यदि तुम भलाई को अनुकरण करने में कष्ट-सहन करो तो कुछ समय पश्चात् कष्ट तो चला जाता है, पर भलाई बनी रहती है। पर यदि तुम बुराई का अनुकरण करके सुखोपभोग करो तो समय आने पर सुख तो चला जायेगा और बुराई रहेगी

“तुम्हारे छोटे कार्य ऐसी वस्तु नहीं है जो सबके सब नाशवान् और तुच्छ हो और न तुम्हारे बड़े से बड़े हो और काम भी अत्यन्त छोटे कार्यों की अपेक्षा तनिक भी बड़े हो सकते हैं। वास्तविक बात यह हैं कि जिस भावना से तुम कार्य करते हो उसी का कुछ मूल्य और स्थापित होता है।”

“उत्तम अभिप्राय के होते हुए भी हम बहुधा बुराई कर बैठते हैं, फिर भला बुरे अभिप्रायों को लेकर हम भलाई किस प्रकार कर सकते हैं।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles