Quotation

September 1959

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साहस को ठीक ही मानवीय सद्गुणों में सर्वप्रथम स्थान दिया गया है, क्योंकि कहा गया है कि यह ऐसा गुण है जिसके प्राप्त होने पर अन्य सब गुणों का होना निश्चित हो जाता है।

—चर्चिल

समाज, शारीरिक संस्था है। जिस प्रकार शरीर में प्रत्येक अवयव का संबंध है, उसी प्रकार समाजगत प्रत्येक व्यक्ति समाज-सूत्र द्वारा एक दूसरे में बँधा हुआ है।

—हर्बट स्पेन्सर

एक आदमी मृत्यु का मुकाबला तो बिना डरे कर सकता है किन्तु नैतिक बातों में परिपाटी से बाहर जाने की उसमें हिम्मत नहीं होती।

—एनातोले फ्राँस


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