पाठकों को सूचना
जितना कागज सरकारी आज्ञा के अनुसार हम खर्च कर सकते थे, उतने पृष्ठ इस अंक में दिये हैं। परन्तु मनोविज्ञान संबंधी लेख अभी बहुत अधिक बाकी हैं। जो फरवरी और मार्च इन दो महीनों के अंकों में पूरे होंगे। जो सामग्री आगे छपने वाली है वह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है जो इस अमूल्य सामग्री को प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें शीघ्र ही अपना चन्दा भेजना चाहिए। देर करने वाले इन अंकों से वंचित रह जायेंगे। -सम्पादक।