एक महात्मा जी की भविष्यवाणियाँ

November 1943

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हमारे एक मित्र को अपनी तीर्थ यात्रा में एक वयोवृद्ध तपस्वी महात्मा के दर्शन हुए। यह महात्मा बीस वर्ष से बिल्कुल नंगे रहते हैं और वृक्षों की पत्तियाँ खाते हैं। इन महात्मा जी से बड़ी विनय के उपरान्त कुछ सामयिक समस्याओं पर जानकारी प्राप्त हुई, वह इस प्रकार है।

(1) महात्मा गाँधी आदि प्रमुख राष्ट्रीय नेता इस वर्ष बन्दीगृह से छूट जायेंगे। (2) भारत को युद्ध के बाद कुछ शासनाधिकार और प्राप्त होंगे। (3) महायुद्ध का अंत अगले वर्ष दिखाई दे जायेगा। (4) युद्ध जन्य परिस्थितियों से उत्पन्न हुई कठिनाइयाँ अभी चार-पाँच वर्ष संसार को परेशान करेंगी। (5) हिन्दू जाति में बड़ा भारी सामाजिक परिवर्तन होगा, इसकी सारी कुरीतियाँ और कमज़ोरियां दस-पन्द्रह वर्ष के भीतर ही निकल जायेंगी और वह अपना प्राचीन गौरव पुनः प्राप्त करेगी। (6) सम्वत् 2000 के बाद धर्म, विवेक, ज्ञान, न्याय और सत्य की बड़ी तीव्र गति से वृद्धि होगी। पाप भावनाएं बहुत ही कम रह जायेंगी। (7) भारत में त्यागी, तपस्वी, ज्ञानवान और कर्तव्य परायण ब्राह्मण वृत्ति के लोगों की संख्या बहुत बढ़ेगी। नई पीढ़ी के यह स्वार्थ त्यागी कार्यकर्ता भारत भूमि की दुर्दशा का अन्त कर देंगे। (8) ईश्वरीय दिव्य शक्ति का अब संसार में अवतरण हो रहा है। उसकी प्रेरणा से असंख्य महापुरुष उत्पन्न होकर बड़े बड़े धर्म-वर्धक कार्यों को सहज ही पूरा करेंगे। (9) ईश्वर की इच्छा से सर्वसाधारण के मन में धर्म भावनाएं उत्पन्न होंगी और वे खूब फलेंगी-फूलेगी (10) अभी दो-तीन वर्ष संसार के लिए बहुत कष्टकारक हैं, इनमें अनेक प्रकार की दैविक, दैहिक, भौतिक विपत्तियाँ सतावेंगी।

पाठक उपरोक्त बातों को नोट कर लें और देखें कि यह भविष्यवाणियाँ कहाँ तक सत्य होती है।


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