रात्रि के समय आकाश मंडल में असंख्य तारे चमकते हुए दिखाई देते हैं, किन्तु सूर्योदय होने पर एक भी तारा दिखाई नहीं देता, तो क्या कह सकते हैं कि दिन में तारे नहीं रहते, अतएव हे मनुष्यों अज्ञान वश परमात्मा को न देख सकने के कारण उसके अस्तित्व में सन्देह मत करो।
समुद्र में मोती अवश्य रहते हैं, लेकिन परिश्रम के बिना नहीं मिलते। इसी प्रकार संसार में ईश्वर विद्यमान रहने पर भी बिना प्रयास के नहीं मिलता।
भगवान शरीर के भीतर कैसे विराजते हैं? जैसे चिक के भीतर बड़े घर की स्त्रियाँ। वे तो सबको देखती हैं लेकिन उनको कोई नहीं देख पाता, इसी प्रकार भगवान है।