आर्थिक-सफलता विशेषाँक

November 1949

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जिसकी प्रत्येक पंक्ति उपयोगी और जीवन में काम काम आयेगी।

इस अंक के सम्पादक- प्रो. रामचरण महेन्द्र एम.ए.

आगामी वर्ष जनवरी 50 में ‘अखण्ड-ज्योति’ ने ‘आर्थिक सफलता-अंक’ प्रकाशित करने का निश्चय किया है। मनुष्यों की अनेक कठिनाइयाँ इस कारण हैं कि वे रुपये का कमाना सदुपयोग, व्यय करना या बचत करना नहीं जानते। सर्वाधिक संतोष प्राप्त करने के लिए पारिवारिक आय व्यय, वास्तविक एवं कृत्रिम आवश्यकताएँ, बजट, रहन-सहन ऊँचा करने की विधि, मनोरंजन इत्यादि सभी का ज्ञान आवश्यक है। “आर्थिक सफलता” अंक में निम्न लेख रहेंगे-

1. पारिवारिक आय व्यय कैसे करें? बजट बनाने के उपाय।

2. जीवन रक्षक पदार्थ तथा उनका उचित संग्रह और उपयोग।

3. निपुणता दायक वस्तुएँ।

4. आमदनी बढ़ाने और खर्च करने की कला।

5. रहन-सहन ऊँचा करने के साधन।

6. फैशन का खफ्त-हमारी बेवकूफियाँ।

7. कर्ज से कैसे बचें?

8. बड़ों के आर्थिंडडडडडड अनुभवों से लाभ उठाइये।

9. गृहस्थी का स्वर्ग।

10. ब्याज का चक्रव्यूह।

11. व्यापार करते समय की सावधानियाँ।

12. लाटरी और पहेलियों की सनक।

13. विज्ञापन हमें कैसे बेवकूफ बनाते हैं?

14. जब आप चीजें खरीदने निकलें।

15. छोटी-छोटी किन्तु महान बातें जिन पर हम गौर नहीं करते आदि, आदि।

प्रत्येक परिवार में इस उपयोगी अंक की एक प्रति अवश्य रहना चाहिए। इतने नवीन एवं उपयोगी विषयों पर लेख रहने के कारण विशेषाँक की पृष्ठ संख्या साधारण अंक से करीब दूनी रहेंगी।

व्यवस्थापक- “अखण्ड-ज्योति” मथुरा।

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वर्ष-10 संपादक-श्रीराम शर्मा आचार्य अंक-11

इन्सान और धनवान

(श्री यशवन्त शर्मा ‘वीर’)


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