स्वामी विवेकानन्द के उपदेश
इच्छा शक्ति के सामने सभी शक्तियाँ कमजोर हैं क्योंकि इच्छा शक्ति स्वयं ईश्वर के यहाँ से आती है। शुद्ध और दृढ़ इच्छा शक्ति सर्व शक्तिमान है।
सामाजिक व्याधि को हम बाहरी प्रयत्नों से दूर नहीं कर सकते। सुधार तो मन के ऊपर प्रभाव डालने से ही हो सकता है। शिक्षा द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से उसके लिए प्रयत्न करना होगा। आन्दोलन द्वारा सनसनी फैलाकर किसी सामाजिक बुराई को दूर करने की कोशिश से कोई लाभ नहीं हो सकता।
मजबूत बनो और मर्द बनो। जो दुष्ट होते हुए भी मजबूत और मर्द हैं मैं उसकी इज्जत करता हूँ क्योंकि उसकी शक्ति किसी न किसी दिन उसे अपनी दुष्टता छोड़ने के लिए बाध्य कर देगी और उसे सत्य के रास्ते ले आयेगी।
तुम्हारा भाग्य तुम्हारे हाथ है। जो जो शक्ति और सहायता तुम चाहते हो वह सब तुम्हारे भीतर मौजूद हैं। इस लिए अपना भाग्य अपने आप ही बनाओ।