गरीबों की मुसीबत पर जिगर जिसका पिघल जाये।
अनाथों के बुरे दिन देख कर जो दिल मचल जाये॥
किसी के दर्द में हम दर्द और गमख्वार बन जाये।
किसी के खार जारों में गुलो गुलजार बन जाये॥
किसी की चश्म पुरनम देखकर आँसू बहाता हो।
किसी की आतिशे गम को मसर्रत से बुझाता हो॥
खिजाँ दीदा चमन को मौसमे गुल में बदल डाले।
नुकीले खार को पाँवों के छालों से मसल डाले॥
जो अपने फर्ज पर, कौमो वतन पर, सब लुटा डाले।
जरूरत हो तो अपनी जिन्दगी तक भी मिटा डाले॥
जिसे कुब्बत मिले ऐसी, उसे इन्सान कहते हैं।
लूटा दे धन गरीबों पर उसे धनवान कहते हैं॥