गीत संजीवनी-13

बोले मेरी साँसों का

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बोले मेरी साँसों का एक तारा, जय शिव ओम्कारा।
मिलकर बोलो मन्त्र ये प्यारा- प्यारा, जय शिव ओम्कारा॥

जिसने शिव का ध्यान लगाके, शिव को याद किया।
अपनी कृपा से शिव ने उसको, दुःख से मुक्त किया॥
मिल गया उसको अँधियारे में,सुख का उजियारा॥ जय शिव०॥

तन, मन, जीवन कर दिया अर्पण, जब ये मैंने तुझे।
मोह के बन्धन क्या बाँधेंगे, अब तो नाथ मुझे॥
मेरी भक्ति अटल है ऐसी, जैसे ध्रुव तारा॥ जय शिव०॥

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