गीत संजीवनी-13

मन का मैल मिटाने

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मन का मैल मिटाने होली खेलो रे।
सबमें प्यार बढ़ाने, होली खेलो रे॥

जन- जन की दूर उदासी करने को आओ।
हँसी- खुशी का सबको पाठ पढ़ाओ॥
नीरसता मार भगाओ मेरे भाई रे।
जीवन का रंग सजाओ मेरे भाई रे॥
रस की धार बहाने होली खेलो रे॥

मन का छोटापन आओ दूर भगायें।
पिछड़ों को गले लगाकर राह दिखायें॥
द्वेष को दूर हटाओ मेरे साथी रे।
प्रेम का रंग जमाओ मेरे साथी रे॥
भेद को मार भगाने होली खेलो रे॥

धरती माता के बेटे मिलकर रहेंगे।
खुशियों के फूल मनों में खिल कर रहेंगे॥
मन में देवत्व जगाओ मेरे भाई रे।
धरती को स्वर्ग बनाओ मेरे भाई रे॥
आशा के सुमन सजाने होली खेलो रे॥


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