जानकारी का महत्व समझाते हुए सुकरात ने अपने शिष्यों से कहा-जो अनजान है और अपने को जानकार मानता है उससे बचो। जो अनजान है और अपनी अल्पज्ञता से परिचित है उसे-सिखाओ। जो जानता तो है, पर अपने ज्ञान के बारे में शंकालु है उसे जगाओ ओर जो जानता है पर साथ अपनी जानकारी के प्रति आस्थावान है वह बुद्धिमान है। ऐसे ही व्यक्ति के पीछे चलो।