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September 1975

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हे मानव जाति के आदर्शों की पोषक भारत भूमि तुझे नमस्कार है। शताब्दियों तक अगणित आक्रमण सहते रहने पर भी तेरी गरिमा न तो म्लीन हुई और न कलुषित। तेरा स्वागत है। हे श्रद्धा, प्रेम, कला और विज्ञान की जन्म दात्री तुझे नमस्कार है।

-लुई जेकोलिमेट


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