हे मानव जाति के आदर्शों की पोषक भारत भूमि तुझे नमस्कार है। शताब्दियों तक अगणित आक्रमण सहते रहने पर भी तेरी गरिमा न तो मलीन हुई और न कलुषित। तेरा स्वागत है। हे श्रद्धा, प्रेम, कला और विज्ञान की जन्म दात्री तुझे नमस्कार है।
-लुई जेकोलिमेट