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September 1968

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तुम सब यही कहते हो कि तुम सब मेरे हो। किन्तु मैं कहता हूँ कि मेरा और कोई नहीं केवल वही मेरा है जो मेरे पिता की इच्छा पूरी करे। उसके संदेशों का प्रसार करे और उसके भटके हुये पुत्रों को ठीक रास्ते पर लाये। जो मुझे प्रेम करता है वह मुझे सच्चा प्रेम नहीं करता पर जो मेरे उद्देश्यों को प्रेम करता है वही मेरा है।

पिता के मार्ग में आने वाले संकटों से जो अपने प्राण बचाना चाहता है वह मेरे योग्य नहीं है क्योंकि वह उन्हें खोयेगा और जो मेरे कारण, मेरे पिता के कारण उन्हें खोयेगा वहीं उन्हें बचायेगा। उससे मत डरो जो शरीर पर घात करता है आत्मा पर नहीं। डरो उससे, जो शरीर पर घात करे या न करे किंतु आत्मा का घात कर सकता है। क्योंकि शरीर घाती हमें स्वर्ग राज्य में भेजता है और आत्मा का घात करने वाले हमें नरक की आग में जलाते हैं। इसलिये मनुष्य से मत डरो चाहे वह क्रूर ही क्यों न हो।


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