सन् 1970 से 1985 तक भीषण भुखमरी
स्टेन फोर्ड विश्वविद्यालय (अमेरिका) के जीव-विज्ञान विशेषज्ञ प्रोफेसर पाल इहरलिच ने लन्दन से प्रकाशित होने वाले ‘ब्रिटिश वीकली’ में लिखा है कि “मनुष्य जाति अपना पेट भरने के संघर्ष में हार चुकी है। इसके फलस्वरूप 1970 से 1985 के बीच करोड़ों व्यक्ति भूख से मर जायेंगे। अब हम ‘अधिक अन्न उपजाने’ का कोई भी कार्यक्रम क्यों न शुरू करें, इस बीच में अनगिनत व्यक्तियों को खाद्याभाव से मरना ही होगा। इस परिस्थिति का मुख्य कारण यही है कि संसार की जनसंख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जाती है और खाद्य-पदार्थों की उपज उस हिसाब से निरन्तर कम पड़ रही है।