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May 1955

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कुछ स्त्री पुरुषों में धन विद्या और रूप का गर्व रहता है। यह भी बुखार है। ऊंची जाति और कुल का भी मिथ्याऽहंकार मनुष्य को पतित करता है। हिन्दू जाति आज इस उच्च जाति के मिथ्याऽहंकार के कारण सदियों से पराधीन है और अपने साथ देश को भी पराधीन बनाये हुए है।

इसी अभिमान का ही यह परिणाम है कि आज भारत में करोड़ों मनुष्य अछूत बना दिये गये हैं।


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