Quotation

September 1950

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निःस्वार्थ सेवा अपना स्वयं पुरस्कार है। इसलिये सेवा निःस्वार्थ ही होनी चाहिये। यदि सेवा में स्वार्थ भावना का सन्निवेश हुआ तो वह सेवा ही न रही।


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