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July 1950

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जीवन भर में आनन्द प्राप्त करने के लिए बुद्धि ने जितने साधन जुटाये हैं उनमें मित्रता की प्राप्ति सबसे महत्व की वस्तु है।

यदि दुनिया की भूलें और उसके दोषों को दूर करना चाहते हो तो इस कार्य में माताओं को प्रवृत्त करो।

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बच्चे का भावी भाग्य बनाना सदा माता का कार्य होता है।

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महान मन वाले व्यक्ति विचारों पर विवाद करते हैं। मध्यम मन वाले वस्तुओं पर लेकिन क्षुद्र बुद्धि वाले व्यक्तियों पर बहस करते हैं।

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जो अपने को तुच्छ समझता है वह केवल अपना ही मूल्य नहीं घटाता किन्तु समस्त मनुष्य जाति को अप्रतिष्ठित करता है।


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