Quotation

December 1946

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दुनिया में आजकल कमजोर आदमियों को रहने के लिए जगह नहीं है। मेरा शरीर भी एक बार कालेज में पढ़ते हुए कमजोर हो गया था। तब मैंने एक वर्ष तक कालेज जाना बन्द करके शरीर सुधार ने की पूरी कोशिश की थी। तुम्हें चाहिए कि पहले शरीर को निरोगी और बलवान बनाओ क्योंकि शरीर रोगी और दुर्बल रखने के समान दूसरा कोई पाप नहीं है।

-लोकमान्य तिलक


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