VigyapanSuchana

November 1944

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

दो सूचनाएं :–

1. अखंड ज्योति के चन्दे में वृद्धि।

कागज छपाई की महंगाई कई गुनी हो जाने के कारण विवश होकर अखण्ड ज्योति के चन्दे में वृद्धि करनी पड़ रही है। अब आगे से वार्षिक मूल्य 2 रु. होगा। जिन ग्राहकों का चन्दा अब तक जमा हो चुका है उनको पुराने चंदे में ही पूरे एक वर्ष तक पत्रिका दी जायेगी।

2. अखंड ज्योति का विशेषाँक।

जनवरी सन् 45 का अंक “सिद्धि अंक” होगा। साधना से किस प्रकार की कैसी और क्योंकर सिद्धि मिलती है इसका वैज्ञानिक विवेचन उसमें रहेगा कागज कन्ट्रोल के कारण पृष्ठ संख्या साधारण अंक से ड्यौढ़ी से अधिक न होगी, फिर भी जो कुछ इसमें रहेगा वह “गागर में सागर” की उक्ति चरितार्थ करेगा।

मैनेजर- ‘अखंड-ज्योति’


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118