Quotation

November 1944

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

प्रेम में अमृत है और विष भी। मनुष्य इसमें पागल हो जाता है, महा अन्ध हो जाता है और प्राण रहते भी मृत्यु की गोद में खेलने लगता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here: