Quotation

January 1944

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

हास्य रस केवल सुख की नदी ही नहीं बहाता, बल्कि दिल की गाँठो को भी खोलता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here: