जिसकी आत्मा शान्त है जो बुद्धिशाली है जिसके हृदय में नम्रता है उसे ही उन्नति प्राप्त है।
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परिश्रम ही जीवन है और सुस्ती ही बीमारी है। शरीर के हर एक हिस्से का जीवन इसी में हैं कि अपने कार्य की पूर्ति करता रहे।
सूचना।
अखण्ड ज्योति का दफ्तर अब पुराने स्थान से हट कर घीयामण्डी में सड़क के किनारे ही पहुँच गया है। मथुरा पधारने वाले सज्जन नोट कर लें। पत्र व्यवहार में-”अखण्ड ज्योति कार्यालय, मथुरा” इतना ही पता लिखना पर्याप्त है।