मैस्मरेजम सम्बन्धी शोधें

January 1944

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पिछले पृष्ठों पर हमारे आदरणीय मित्र पं. मोहन शर्मा ने अपने लेख में मैस्मरेजम के आविष्कर्ता डॉक्टर मेस्मेर की संक्षिप्त जीवनी लिखी है। उसे पढ़कर पाठक यह समझ सकेंगे कि उस महापुरुष ने कितने प्रबल प्रयत्नों के साथ इस विद्या को सुव्यवस्थित रूप में बनाकर सर्व साधारण के सम्मुख प्रस्तुत किया निस्संदेह इस विद्या को ठीक ठीक रूप देने में डॉक्टर मेस्मेर को श्रेय है। परन्तु यह न समझना चाहिए कि इस विद्या का आदि और अन्त भी उन्हीं के साथ था। बहुत प्राचीन काल से इस दिशा में प्रयत्न हो रहे थे और उनके पीछे भी बहुत कुछ हुआ है। ईसा की छठवीं शताब्दी में ग्रीस देश के एक पंडित सोलन ने बहुत से ऐसे रोगी प्राणशक्ति से अच्छे किये थे जो औषधि से ठीक नहीं हो सके। पांचवीं शताब्दी में नील नदी के तट पर रहने वाले जीयस नामक योगी इस विधि में प्रसिद्ध था। ईसा के 431 पूर्व डॉक्टर हिमोक्लेटस इस विद्या के पंडित थे। एक दूसरा ग्रीक विद्वान एसक्लिपियेडिस, मार्जन द्वारा बीमारों को अच्छा करता था। ईसाई धर्म के प्रवर्तक यीशु और उनके साथी मोजेस दोनों ने यह विद्या मिश्र देश के पुरोहितों से सीखी थी। इंजील से प्रकट है कि यीशु ने इस विद्या के बल से असंख्य पंडितों को अच्छा किया था। सन् 1700 में आयरलैंड के ग्रीट्रेक्स नामक न्यायाधीश ने देश विदेश में घूम-घूम कर शारीरिक बिजली के द्वारा अनेक लोगों के कष्ट दूर किये थे। सन् 1501 में कार्डेनस नामक एक व्यक्ति ने मैस्मरेजम के प्रयोग किये थे सन् 1649 में विलियम मैक्सवेल नामक अंग्रेज ने इस विद्या के मूल तत्व लिखे थे। ईसा से 500 वर्ष पूर्व यूनान का योगी पिथागोरस हाथ के इशारे से बड़े बड़े भयंकर जंगली जीवों को इच्छानुवर्ती बना लेने के लिए प्रख्यात था। इपीरस का राजा पिहस, क्रेस्पेसियन का राजा हेडरियन अपनी उंगलियों से छूकर पीड़ित स्थान को अच्छा कर देते थे। इंग्लैंड और फ्राँस के कई राजा इस विद्या के अच्छे अभ्यासी हो चुके हैं। इस प्रकार पंडित इस्कुलेपियस इंग्लैंड का पुजारी उरुइड ह्वान हेमंह, स्काटलैंड निवासी मेक्सवेल, पादरी हेडल आदि अनेक माननीय पाश्चात्य सज्जनों ने इस विद्या द्वारा लाभ उठाया है। मिश्र देश के अलफराद नामक एक विचित्र आध्यात्म शक्ति सम्पन्न योगी की अद्भुत कथाएं सुनी जाती हैं। तिब्बत के लामा योगियों का थोड़ा बहुत परिचय जिन्हें है वे उनकी अद्भुत शक्तियों का वर्णन करते करते नहीं थकते।

डॉक्टर मेस्मेर के पश्चात् योरोप तथा अमेरिका में इस विद्या की पर्याप्त शोधें हुई है और हो रही है। डॉक्टर ग्रेगरी और राय केन बक यह दोनों ही समकालीन प्रयोक्ता रहे हैं योरोप में एक समय इनकी धाक थी। ल्यूविस नामक नीग्रो ने ऐसी सफलता प्राप्त की थी कि ‘जब वह मन को एकाग्र करता था चेहरा प्रकाशवान हो उठता था, एक साथ बीस पच्चीस आदमियों को बेहोश कर देने की शक्ति उसमें थी। डॉक्टर डार्लिग और डॉक्टर ब्रड ने चमकती हुई चीज पर दृष्टि रखवा कर मनुष्यों को निद्रित करने की एक अलग विधि का प्रचार किया। डॉक्टर एसडेज नामक सिविल सर्जन अपने बीमारों को मैस्मरेजम से बेहोश करके आपरेशन किया करते थे। क्लोरोफार्म का प्रयोग करने की उन्हें जरूरत न पड़ती थी। लीवस नामक एक विद्वान ने संगीत की एक ऐसी विधि निकाली थी जिससे वह अपने बीमारों को निद्रित कर देते थे, डॉक्टर विलियम डेवी श्वास प्रश्वास क्रिया द्वारा जल को ऐसा अभिमंत्रित कर देते थे कि उसके सेवन करते ही मनुष्यों पर असाधारण प्रभाव पड़ता था, कप्तान जेम्स कुर्सी या चौकी पर किसी व्यक्ति को बिठाते थे और उस पर मार्जन क्रिया द्वारा प्रभाव डालते थे। रूस के बादशाह जार को एक मैस्मरेजम ज्ञाता ने अपने हाथ की कठपुतली बना रखा था, वह जो चाहता था सो उससे कराता था। इस ग्रेगरी को ‘रूस का राहु’ की इतिहास लेखकों ने उपाधि दी है।

योरोप में आजम ब्रोका और बरन्युस इस विद्या के दो बड़े आचार्य हुए हैं। दुमोन्ट पेलियर पेट्रिस, विनसुए जर, चारकोट, लुटसन इनके प्रयोग बहुत सफल रहा करते थे। लायवोल्ट को अपने प्रयोगों में 90 फीसदी और बर्हम को 80 फीसदी सफलता मिली थी। स्वीडन वासी बेटर्स ब्राड, एमर्स्टडम निवासी वान रेन्टर धम और धान ईडन की सफलताएं चारों ओर प्रसिद्ध हो चुकी थी। जेम्स कोट ने इस विज्ञान के सूक्ष्म तत्वों को सर्व साधारण पर भले प्रकार प्रकट किया था। मार्जन किया में डी ल्यूज ने अनेक नये आविष्कार किये। वर्न्हीम ने बिना निद्रित किये ही पात्र को प्रभावित करने का विज्ञान रच डाला। डॉक्टर एल्फ्रड में ऐसी शक्ति थी कि उनके द्वारा निद्रित किये हुए लोग दूर स्थानों के दृश्यों को ठीक ठीक देख लेते थे। डॉक्टर हाल फ्रायड ने एक पात्र को निद्रित करके उससे पूछा कि अमेरिका के प्रेसीडेण्ट इस समय क्या कर रहे हैं पात्र ने बताया कि प्रेसीडेण्ट विलसन इस समय व्हाइट हाउस में कुर्सी पर बैठे हुए एक तार पढ़ रहे हैं। तार का मजबून भी उसने बता दिया। इस तार में सुलह कान्फ्रैन्स की ऐसी गुप्त राजनैतिक बातें थी जिनका किसी को कानों कान पता नहीं हो सकता था। डॉक्टर हाल फ्राइड तुरंत ही प्रेसीडेण्ट के पास गये और उस तार की बात मालूम होने का भेद प्रकट किया। विलसन आश्चर्य से सन्न रह गये कि इतनी गुप्त बात किस प्रकार इन्होंने जान ली। उन्होंने डॉक्टर साहब के प्रयोग की सचाई को स्वीकार किया, साथ ही उस तार का भेद किसी पर प्रकट न करने का कठोर आदेश कर दिया। डॉक्टर डब्ल्यू ब्राउन ने गत महायुद्ध के समय मैस्मरेजम विद्या से 60 फीसदी ऐसे बीमार सैनिक अच्छे किये थे जिन्हें उन्माद, निद्रानाश आदि रोग हो गये थे।

जर्मनी के डॉक्टर अलबर्ट मैस्मरेजम में ‘संकल्प प्रकाश’ की विशेष शक्ति मानते थे। उनके प्रयोगों का यही आधार था। प्रोफेसर फ्रायड के मत से ‘अन्तः चेतना’ को प्रभावित करने से व्यक्तियों को प्रभावित किया जाता है। काउण्ट पुसीगर ने मानवीय विद्युत के संबंध में चमत्कारिक शोधें प्रकट की। प्रो. विलियम क्रुक्स जो पहले इस विद्या के कट्टर विरोधी थे, अन्त में इसकी सत्यता से प्रभावित होकर पूर्ण भक्त बन गये। लंदन में डॉ. ईलिरसन ने इसी विद्या से निद्रित करके अनेक रोगियों के आपरेशन किये थे। फ्रांस के मनोविज्ञान वेत्ता आचार्य ऐमिली क्यू ‘आदेश द्वारा कठिन रोगों की चिकित्सा करते हैं।

शोधें करते करते अन्वेषकों में मतभेद भी हुआ है। जेम्स कोट और ब्राइड के सिद्धान्तों में प्रत्यक्ष मतभेद हैं। योरोप में अब (1) मेस्मेर का सिद्धान्त (2) नेन्सी का सिद्धान्त (3) चारकोट का सिद्धान्त यह तीन पृथक सम्प्रदाय हो गये हैं। मेस्मेर के मत वाले ओज शक्ति और एकाग्रता को प्रधान मानते हैं। नेन्सी का मत है कि केवल मार्जन-(पास) और आदेश (सजेशन) से भी यह सब हो सकता है। (4) चारकोट के मत से चमकदार चिकनी वस्तुओं पर एकाग्रता करने से निद्रा आ सकती है। तीनों ने ही अपने अपने मत की पुष्टि में सप्रमाण सहित बड़े बड़े ग्रन्थों की रचना की है।

अब तक मैस्मरेजम संबंधी अनेक अच्छी पुस्तकें निकल चुकी हैं। उनमें डॉक्टर विलियम्स की Text book of Mesmerism, डॉक्टर ग्रेगरी की Animel Magnetism, डॉ. विलियम डेवी की, The Illas Tracted Practical Mesmerist, प्रो. एलिस ग्रे की Miracles of Nature, डॉ. ब्राइड की Hypnotism, जेम्स बर्न्स की Mesmerism, डाक्टर एसडेल की Mesmerism, एलिन पुटमेन की Works on Spritualism, डॉक्टर डबल्यू ई फोरेस्ट की Hydien, ओ. हष्णुहारा की Practical Hypnotism, डुएन्ट डी ग्रोस की Electrodyne misme vital सी. डबल्यू. लेडवीटर की Dreams, एफ. एच. मायर्स की Human Personality, सर ओलिवर लाज की Survival of Man, प्रोफेसर बैरेट की Psychical Research, मोडाल्यूज की History of Megnetism, त्रिश्नन डी. लारसन की Your forces & how to use them आदि पुस्तकें विशेष महत्व की है। इस प्रकार की पुस्तकें M/s L.N.Fowler&co. 7 Imperil Arcade, Ludgate Circus London E. C. 7 की मारफत मँगाई जा सकती हैं।

प्रकृति के रहस्य बड़े गूढ़ हैं। मनुष्य जाति जितना कुछ जान सकी है वह अल्प है, उससे असंख्य गुना जानना अभी बाकी है। स्वतंत्र और मस्तिष्क के लोग इसी दृष्टि कोण से विचार करते हैं। किसी लकीर के फकीर बन बैठने से उस विद्या को सजीवता नष्ट हो जाती है। हर्ष की बात है कि मैस्मरेजम विद्या डॉक्टर मेस्मेर का सम्प्रदाय बनकर नहीं रह गई, वरन् इसके संबंध में अधिक गहरी महत्वपूर्ण शोधें हुई हैं और हो रही हैं। यह वैज्ञानिक अन्वेषण जारी रहे तो हमारा विश्वास है कि भारतीय योग शास्त्र एवं आध्यात्म शास्त्र को ही आदर्श स्वीकार करना पड़ेगा और नवीन पीढ़ी को उन्हीं सिद्धान्तों का अनुगमन करते हुए आगे बढ़ना पड़ेगा।


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