जीवित मनुष्य की प्रेतात्मा

January 1940

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जीवित मनुष्य की प्रेतात्मा

भूतों की आश्चर्यजनक कहानियाँ तो सम्भवतः बहुतों ने सुनी होगी, परन्तु किसी जीवित मनुष्य की प्रेतात्मा के करिश्मे शायद ही किसी ने सुने हो। केप टाउन नगर के एक्स्टन सड़क पर एक छोटे से घर में अभी हाल में एक ऐसी ही घटना घटी। श्रीमती स्मट्स जो विधवा है और इस घर में रहती है, उनका कहना है कि उस घर में भूतों का वास है। अनेक उत्पात उस घर में नित्य होते हैं। लगभग २० आदमियों से उनके अनुभव के विषय में पूछा गया पर सबके कथन से भूतों की लीला पर विश्वास करने का ही मसाला मिलता है।

एक रिपोर्टर के भेंट करने पर पड़ोस में रहने वाली मिसेज स्ट्राँग ने कहा- मैंने सुना है कि सामने के कमरे के कपड़े इधर उधर फेंक दिये जाते है। मैं इस पर विश्वास कैसे करती? अतएव मैं स्वयं कमरे में गई और सब सामान ठीक से रख कर जैसे ही भोजन के कमरे में पहुँची वैसे ही मुझे कुछ खड़बड़ाहट सुनाई दी। मैं फिर कमरे की ओर आई। कमरा खाली था, पर तकिये का गिलाफ फटा था, बिस्तरा लपेट कर एक तरफ फेंक दिया गया था। मैंने कमरे को खूब अच्छी तरह देखा और सब सामान फिर ठीक करके कमरे को बन्द कर दिया और खिड़की से देखने लगी। मैंने देखा कि बिस्तरा हिला। बिस्तरे का एक बंडल बन कर छत की ओर उठा और फिर गिर पड़ा। तकिया गिलाफ से बाहर निकल आया। और गिलाफ को कोई चीर- चीर कर फेंक रहा था। शांत होने पर मैं फिर कमरे में गई पर कमरा खाली था। मैंने कई बार ऐसा करके परीक्षा ली। शाम को रसोई घर में कुछ खड़बड़ सुनाई दी। हम लोग वहाँ गये। कई सामान इधर- उधर फेंके दिखलाई पड़े। और हमारे सामने भी एक चायदानी आलमारी से अपने आप उठी और नीचे गिर कर टूट गई। एक बार तो बीस आदमियों के देखते हुए सोने के कमरे में उसी प्रकार की घटना घटी।

डमस्टर स्ट्रांग ने बताया कि आठ बजे मैं श्रीमती स्मट्स की लड़की जरट्रूड के पास बैठा था। सहसा जरट्रूड चिल्लाई 'भूत' 'भूत'। दरवाजे की ओर दृष्टि पड़ी तो मैंने देखा कि एक यूरोपियन स्त्री खड़ी है पर मुझे उसका मुख न दिखाई दिया। जैसे मैं उठ कर जाने लगा, वह अदृश्य हो गई।

दूसरे पड़ौसी मि. वान रेन्सवार्ड का कहना है कि ''मैंने सोने के कमरे की बिजली जला कर चारों ओर देखा। मुझे सफेद बालों वाली एक स्त्री सफेद कपड़े पहने दिखाई दी। मैं उसकी ओर चला पर वह गायब हो गई।''

इस कुटुम्ब के एक घनिष्ट मित्र मि. वेजरथ ने सब से आश्चर्य पूर्ण कहानी बताई। उसका कहना है कि- रविवार को एक और दो बजे के बीच मेरी बहन सोने वाले कमरे में श्रीमती स्मट्स की एक लड़की के साथ लेटी हुई थी। सहसा मैंने उसके चिल्लाने की आवाज सुनी और उधर ही दौड़ गया। मुझे देख कर मेरी बहन ने कहा- वह है भूत। मैंने खिड़की की ओर देखा। वह चमकीली प्रतीत होती थी। परन्तु सबसे आश्चर्य की बात तो यह थी कि मैं उसे पहचानता था। वह अभी जीवित है।

मि. बेजरथ का अनुमान है कि इन सब उत्पातों की जड़ वे ही है। क्योंकि वह प्रेतात्मा उनके सम्बन्धी स्त्री की है, जिसने उन्हें एक बार शाप दिया था। उसका सब कुछ नष्ट हो गया, इससे श्रीमती स्मट्स ने उन्हें अपने यहाँ रख लिया। उनके जाने के पहले ऐसी घटना कभी नहीं घटी थी। जब मि. बेजरथ ने अपना बचा खुचा समान भी बेच डाला तब से ऐसी कोई घटना भी नहीं घटी।

अभ्युदय


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