एक साधक ने किसी विद्वान से कहा मैंने क्रोध जीत लिया है। सौ गालियाँ सुनकर भी मैं क्रुद्ध नहीं होता। परीक्षा लें लें। और गालियाँ देकर देख लें।
विद्वान ने कहा महोदय आप परीक्षा में उत्तीर्ण हों