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March 1968

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नव-निर्माण को इतना तो करें ही :-

जिस महान् उद्देश्य और कार्यक्रम को लेकर हम अखण्ड-ज्योति परिवार के सदस्यगण चल रहे हैं, उसकी सफलता पर व्यक्ति और समाज की प्रगति अवलम्बित है। इस मिशन को जितनी सफलता मिलेगी, उतनी ही विश्व-शाँति, धर्म-राज्य एवं नवयुग की स्थापना निकट आती चली जायेगी।

अपने मिशन की सफलता इस बात पर निर्भर है कि उसका कार्यक्षेत्र बढ़े। अभी परिवार के जितने सदस्य हैं वे कार्य की गुरुता एवं महत्ता को देखते हुए बहुत ही कम हैं। प्रयत्न यह होना चाहिए कि अपना परिवार बढ़े और युग-निर्माण आन्दोलन का- नैतिक एवं साँस्कृतिक पुनरुत्थान का दायरा अधिकाधिक बढ़ता चला जाय। प्रकाश और प्रवाह को इसी प्रकार व्यापक बनाया जा सकेगा। हम में से प्रत्येक का परम पवित्र कर्तव्य है कि अखण्ड-ज्योति और युग-निर्माण पत्रिकाओं के नये सदस्य बढ़ाने और पुरानों का प्रोत्साहित करने के लिए भरसक प्रयत्न करें। क्योंकि अपनी वाणी और प्रेरणा इन पत्रिकाओं के माध्यम से होती है।

इस मास उत्साही परिजन टोलियाँ बना कर निकलें और दोनों पत्रिकाओं के सदस्य बढ़ाने का शक्ति सामर्थ्य भर उत्साहपूर्वक प्रयत्न करें।

फार्म 4

1. प्रकाशन का स्थान- मथुरा

2. प्रकाशन का अवधि-क्रम- मासिक

3. मुद्रक का नाम- श्रीराम शर्मा आचार्य राष्ट्रीयता- भारतीय पता- जन-जागरण प्रेस, मथुरा।

4. प्रकाशक का नाम- श्रीराम शर्मा आचार्य राष्ट्रीयता- भारतीय पता- अखंड-ज्योति संस्थान मथुरा।

5. सम्पादक का नाम- श्रीराम शर्मा आचार्य राष्ट्रीयता- भारतीय पता- अखंड-ज्योति संस्थान मथुरा।

6. स्वत्वाधिकारी- श्रीराम शर्मा आचार्य, अखंड-ज्योति संस्थान मथुरा।

मैं, श्रीराम शर्मा आचार्य यह घोषित करता हूँ कि ऊपर दिये गये सब विवरण मेरी अधिकतम जानकारी से विश्वास के अनुसार सत्य हैं।

(हस्ता.) श्रीराम शर्मा आचार्य,


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