श्री तारा कान्त राय की उदारता

April 1967

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

श्री तारा कान्त राय की उदारता-

श्री ताराकाँत राय बंगाल के कृष्ण नगर राज्य के सचिव थे। वे जितने उदार विद्वान् थे, उतने ही नेक, ईमानदार, उदार और सदाचारी भी थे। गुणों से प्रभावित होकर ही कृष्ण नगर के नरेश ने उन्हें यह उत्तरदायित्वपूर्ण पद सौंपा था और उन्हें मित्र की तरह मानते व प्रतिष्ठा देते थे।

एक दिन राजा साहब बड़े सबेरे कोई समाचार देने स्वयं ही राय साहब के घर पहुँचे तो देखा कि उनका नौकर तो पलंग पर सोया है और स्वयं ताराकाँतजी जमीन में चटाई पर सो रहे हैं। नरेश ने उनको जगाया और नौकर को उसकी धृष्टता के लिये डाँटना चाहा, पर राय साहब ने मना करते हुए कहा-यह बेचारा काम करते-करते बहुत थक गया था इससे थोड़ी देर आराम करने की गरज से बैठते ही सो गया होगा। मैं रात्रि को देर से आया, सोते हुए आदमी को जगाना ठीक न समझा इसलिए एक रात्रि जमीन पर ही सो लिया तो इसमें क्या हो गया?

राजा साहब श्री राय की उदारता से बड़े प्रभावित हुए।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118