मनुष्य सुख-प्राप्ति के विचार से विषयों का उपभोग करते हैं। उनको समझ लेना चाहिये कि वास्तव में सुख का कारण मन ही है ।
एक महान उद्देश्य के लिये प्रयत्न में स्वतः ही आनंद है, सुख है और किसी अंश तक प्राप्ति की मात्रा भी है।
—जवाहरलाल नेहरू
—जवाहरलाल नेहरू