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October 1966

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मनुष्य सुख-प्राप्ति के विचार से विषयों का उपभोग करते हैं। उनको समझ लेना चाहिये कि वास्तव में सुख का कारण मन ही है ।

एक महान उद्देश्य के लिये प्रयत्न में स्वतः ही आनंद है, सुख है और किसी अंश तक प्राप्ति की मात्रा भी है।

—जवाहरलाल नेहरू

—जवाहरलाल नेहरू


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