नव-निर्माण के शतसूत्री कार्यक्रमों को व्यापक बनाने के लिए लागत मात्र मूल्य के अत्यन्त सस्ते, आकर्षक और प्रेरणाप्रद ट्रैक्ट छापे गये हैं। इन्हें स्वयं पढ़ना और दूसरों को पढ़ाना या सुनाना जनमानस को सुसंस्कृत एवं परिष्कृत करने के लिए आवश्यक है। अब तक 70 ट्रैक्ट छप चुके हैं। मूल्य का 20 नया पैसा है। इस सीरीज में हर महीने नये ट्रैक्ट छप रहे हैं। अगले 5 वर्षों में इनकी 1000 तक पहुँचाने की योजना है।
अब तक छप चुके ट्रैक्टों के नाम-
1- विवाह के आदर्श और सिद्धांत। 2-तीन दिन का सत्यानाशी-विवाहोन्माद। 3-विवाहोन्माद के लिए बुद्धि क्यों बेच दी जाय? 4-विवाह-शादियों का असह्य अप-व्यय। 5 इस हृदय-द्रवक स्थिति को कब तक सहा जायगा? 6-यह कुरीतियाँ मिट रही हैं और मिटेंगी। 7-विवाह का वातावरण धमनुष्ठान जैसा रहे। 8-आदर्श विवाहों की रूपरेखा। 9-आदर्श विवाहों का प्रचलन कैसे हो? 10-प्रगतिशील जातीय संगठनों की आवश्यकता। 11-हम भाग्यवादी नहीं कर्मवादी ।12-अन्धविश्वासी नहीं विवेकशील बनिये। 13-अन्ध-विश्वास से लाभ कुछ नहीं हानि अपार है। 14-भिक्षा-व्यवसाय देश और समाज का कलंक। 15-मन्दिर जनजागरण के केन्द्र बने! 16-उनसे जो पचास के हो चले। 17- साधु की महान परम्परा और जिम्मेदारी। 18-ब्राह्मण अपना उत्तरदायित्व संभालें। 19- स्वच्छता मनुष्यता का प्रथम गुरुमन्त्र। 20-दर्शन तो करें-पर इस तरह। 21-आलस छोड़िए परिश्रमी बनिये! 22-पक्षपात त्यागें औचित्य अपनावें! 23-माँसाहार मानवता के विरुद्ध है। 24-तमाखू-का भयानक दुर्व्यसन। 25-प्राणियों के प्रति निर्दयता न करें! 26-अपव्यय का ओछापन। 27-मृतक-भोज की क्या आवश्यकता? 28-नारी को तिरस्कृत न किया जाय? 29-अशिष्टता न कीजिये! 30-ईमानदारी का परित्याग न करें। 31-खाद्य समस्या और उसका हल। 32-आहार में असंयम न बरतें। 33-संतान की संख्या न बढ़ाइये। 34-गन्दगी की घृणित असभ्यता। 35-शाकाहारी व्यंजन। 36-व्यायाम-हमारी एक अनिवार्य आवश्यकता। 37- वृक्षारोपण-एक परम पुनीत पुण्य। 38- शाक उगायें-अन्न बचायें। 39-पुस्तकालय-सच्चे देवालय। 40- निरक्षरता का कलंक धो दिया जाय। 41-परिवार को सुसंस्कृत कैसे बनायें?-विधवा विवाह शास्त्र विरुद्ध नहीं। 43-हम सच्चे अर्थों में आस्तिक बनें। 44-संस्कारों की पुण्य परम्परा। 45-पर्व और त्यौहारों से प्रेरणा ग्रहण करें। 46-लोक निर्माण के लिए जन-गायन। 47-विवाहोत्सव कैसे मनावें? 48-जन्म-दिवसोत्सव इस तरह मनावें। 49-गायत्री यज्ञों की विधि व्यवस्था। 50-गायत्री यज्ञों की विधि व्याख्या। 51-प्रबुद्ध व्यक्ति धर्म तन्त्र सँभालें। 52-सत्कार्यों का अभिनन्दन किया जाए। 53-पुँसवन संस्कार विवेचन। 54-नामकरण संस्कार विवेचन। 55-अन्नप्राशन संस्कार विवेचन। 56-चूड़ाकर्म संस्कार विवेचन। 57-विद्यारंभ संस्कार विवेचन। 58-यज्ञोपवीत संस्कार विवेचन। 59-विवाह संस्कार विवेचन। 60-वानप्रस्थ संस्कार विवेचन। 61-अंत्येष्टि संस्कार विवेचन। 62-मरणोत्तर-संस्कार विवेचन। 63-बाल-विवाह की भयंकरता से समाज को बचाया जाय। 64-बच्चों को सद्गुणी बनायें? 65-छात्रों का निर्माण अध्यापक करें। 66-हरिजन उत्कर्ष के लिए बड़े कदम उठें। 67-नारी जागरण के लिए महिलायें आगे आवें। 68-पशुबलि हिन्दूधर्म का कलंक। 69-नव-निर्माण के लिए जन-आँदोलन। 70-मनुष्य क्या पशुओं से भी गिरा रहेगा?
अबतक 20 नया पैसा सीरीज के 70 ट्रैक्ट छप चुके हैं। इनका मूल्य 14) होता है। 15 प्रतिशत कमीशन घटाकर और पोस्टेज जोड़कर यह वी. पी. 14) 75 की बैठेगी। प्रथम सत्र आरम्भ करने के लिए सैट का आर्डर भेज देना चाहिए। जिनके पास जो ट्रैक्ट हों, वे उनके नाम लिख दें तो शेष वी. पी. से भेज दिये जायेंगे।